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निशांत कुमार की एंट्री को लेकर सियासत गरम, जेडीयू बोली—युवाओं की पहली पसंद; आरजेडी ने बीजेपी पर साधा निशाना
- Reporter 12
- 25 Dec, 2025
पटना: बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। सवाल यह है कि क्या निशांत सक्रिय राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं? इस मुद्दे पर जहां एक ओर आरजेडी लगातार दावे कर रही है, वहीं जेडीयू के ताजा बयानों ने चर्चाओं को और हवा दे दी है।
आरजेडी का कहना है कि खरमास के बाद निशांत कुमार के राजनीति में उतरने की संभावना है और वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं जेडीयू की ओर से भी यह माना जा रहा है कि निशांत में नेतृत्व की क्षमता और भविष्य की बड़ी संभावनाएं हैं।
जेडीयू का संकेत—निशांत में नेतृत्व की क्षमता
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आज की राजनीति को नई दिशा देने का काम युवा ही कर सकते हैं। उनके अनुसार, शिक्षित युवा चेहरे के तौर पर निशांत कुमार को बिहार की जनता पसंद कर रही है। उन्होंने कहा कि निशांत युवाओं के साथ पार्टी को जोड़ने की क्षमता रखते हैं और उनके प्रति कार्यकर्ताओं में भी उत्साह देखा जा रहा है।
राजीव रंजन ने स्पष्ट किया कि करोड़ों लोग चाहते हैं कि निशांत सक्रिय राजनीति में आएं, लेकिन अंतिम फैसला निशांत कुमार को ही लेना है। यदि वे संगठनात्मक भूमिका निभाने का निर्णय लेते हैं, तो पार्टी और कार्यकर्ताओं को खुशी होगी।
आरजेडी का आरोप—बीजेपी नहीं चाहती निशांत की एंट्री
उधर, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि खरमास के बाद निशांत कुमार के सक्रिय राजनीति में आने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि निशांत को राजनीति में आना चाहिए और आरजेडी उनका स्वागत करती है।
तिवारी ने आरोप लगाया कि जेडीयू के भीतर मौजूद बीजेपी मानसिकता वाले नेता और स्वयं बीजेपी नहीं चाहती कि निशांत कुमार राजनीति में आएं। उनका कहना है कि बीते दो दशकों से बीजेपी, नीतीश कुमार की सहयोगी रही है और अब वह निशांत कुमार के साथ वैसी भूमिका में नहीं रहना चाहती।
निशांत कुमार की संभावित राजनीतिक एंट्री को लेकर जेडीयू और आरजेडी के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। हालांकि, अंतिम फैसला क्या होगा, इस पर सबकी नजरें अब खुद निशांत कुमार पर टिकी हैं।
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